Common Physical & Mental Health Problems among Adolescents & Youth

दिनांक 30 अप्रैल 2022 को हमारी संस्था HELP Society द्वारा एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया  जिसका शीर्षक किशोरो और "युवाओ में होने वाली सामान्य शारीरिक एवं मानसिक समस्याएं" (Common Physical & Mental Problems Among Adolescents & Youth) था। इस कराक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में हमारी संस्था प्रमुख श्री शिव प्रकाश जी (पीएचडी, मनोचिकित्सा विभाग, IMS, BHU, वाराणसी), श्री सौरव कुमार जी (पीएचडी, मनोचिकित्सा विभाग, IMS, BHU, वाराणसी), अंजली गुप्ता जी (पीएचडी, समाजशास्त्र विभाग, लखनऊ यूनिवर्सिटी, लखनऊ), एवं श्री अरुन कुमार जी (काउंसलर, CoEAHD, SS Hospital,BHU, वाराणसी) उपस्थित थे। इस  कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य किशोरो एवं युवाओ को उनमे प्रायः होने वाली शारीरिक एवं मानसिक समस्याओ के प्रति जागरूक करना था। 

कार्यक्रम का आरम्भ शिव प्रकाश जी द्वारा किशोरों एवं युवाओ में होने वाली प्रमुख समस्याओ के विषय में व्यख्यान से हुआ।  जिसमे उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वर्ष 2019 में लगभग 15 लाख किशोरो और युवाओ की मृत्यु हुयी, जिसमे प्रति दिन मरने वालो की संख्या 5000 है।  मरने वाले किशोरों व युवाओ में से  अधिकांश  की मृत्यु किसी न किसी दुर्घटना में लगी चोट के कारण व पानी में डूबने के कारण हुयी है। वही दूसरी तरफ कुछ की तो एक दूसरे के प्रति हिंसा के कारण घायल होने पर मृत्यु हो गयी।  सड़को पर तेज रफ़्तार वाहन चलने के कारण अधिकांश युवा दुर्घटनाग्रस्त हो जाते है।  दूसरी ओर आत्म हत्या के कारण होने मृत्यु  दर भी किशोरों व युवाओ में अधिक है, जिसके लिए प्रमुख रूप से डिप्रेशन, एंग्जायटी, और नशे की लत आदि मानसिक रोग जिम्मेदार है।  इस के अतरिक्त किशोरों में एड्स/HIV रोगो के होने की सम्भावना अधिक होती है  तथा शारीरिक रोगो में प्रमुख तौर पर कुपोषण, मोटापा, एनीमिया, डायरिया, एवं  रोग प्रतिरोधक  क्षमता का ह्रास होना आदि पाए जाते है।
 
कार्यक्रम में अंजली गुप्ता जी ने किशोरों एवं युवाओ के स्वास्थ्य से सम्बंधित समस्याओ, उन्हें दूर करने के लिए सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों और योजनाओ के सम्बन्ध में प्रकाश डालते हुए बताया कि समाज के उत्तम विकाश में किशोरों और युवाओ के महत्व बहुत अधिक है क्योकि वो ही हमारे समाज के भविष्य को निर्धारित करते है।  किशोरावस्था 10 वर्ष से 19 वर्ष के मध्य की अवश्था होती है जिसमे विभिन्न प्रकार के शारीरिक व् मानसिक परिवर्तन होते है  जिनके कारण उनमे मानसिक तनाव बढ़ने लगता है, जो उनके स्वस्थ को कई तरह से प्रभावित करता है।  वही 14-24 वर्ष के मध्य के अंतराल को युवा अवस्था कहते है। किशोरो व् युवाओं  को स्वस्थ्य के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता होती है ऐसी स्थिति में समाज में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन आवश्यक है।  किशोरों में संतुलित आहार के आभाव के कारण कुपोषण, मोटापा, एनीमिया आदि अधिक पाया जाता है  जिसके कारण अन्य स्वास्थ्य सबंधित समस्याएं भी बढ़ जाती है जो उनके शारीरिक व् मानसिक विकास प्रभावित करता है। 

कार्यक्रम में सौरव कुमार जी ने किशोरों व युवाओ में मादक द्रव्य व्यशन  से सम्बंधित समस्याओ के विषय में प्रकाश डालते हुए बताया कि किशोरों व् युवाओ में मादक व् नशीले पदार्थो की लत की समस्या समाज में दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है।  नशीले पदार्थो के कारण प्रति वर्ष लगभग 30 लाख लोगो की मृत्यु होती है। दिल्ली में हुए  एक अध्ययन के अनुसार 46,411 सड़क पर रहने वाले किशोरों में  नशे की लत पायी गयी। सामान्यतः किशोरों में नशे की लत दुसरो को देखकर, गलत सांगत के कारण, एवं फिल्मो में दिखाए शराब आदि के प्रयोग के कारण अधिक होता है, इसके अतिरिक्त मानसिक तनाव को कम करने के लिए अधिकांश लोग प्रायः नशीले पदार्थो का प्रयोग करने लगते है जिसके कारण यह एक लत रूप ले लेता है।  नशे की लत से जहां एक ओर मानसिक रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है इसके साथ ही कैंसर, किडनी व् लीवर सम्बंधित रोग अधिक होते है।  ऐसी स्थिति में किशोरो व् युवाओ को नशे की लत से बचने के लिए समाज में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन अति आवश्यक है। 

कार्यक्रम में अरुन कुमार यादव जी ने एनिमिया एवं पौष्टिक आहार के विषय में बताते हुए बताया कि किशोरों व युवयुवाओ में उचित संतुलित आहार के आभाव में एनीमिया रोग के होने की समस्या बढ़ जाती है। शरीर में हीमोग्लोबिन की  कमी के कारण एनीमिया रोग होता है ऐसी स्थिति में शरीर में कमजोरी व थकान के साथ मानसिक तनाव अधिक होती है। ऐसी स्थिति में  किशोरों युवाओ को प्रतिदिन संतुलित आहार लेना चाहिए।  संतुलित आहार से हमारा आशय हमें अपने भोजन में कार्बोहैड्रेड, प्रोटीन, फैट, विटामिन, और खनिज लवण एक निश्चित अनुपात में लेना चाहिए, इसके अतिरिक्त प्रतिदिन 2-4 लीटर पानी पीना चाहिए ताकि हमारे शरीर को उचीत पोषण प्राप्त हो  और हमारा सही तरह से शारीरिक व् मानसिक विकास हो सके। 

इस कार्यक्रम में विभिन्न आयु वर्ग के लगभग 25 विद्यार्थियों में भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में हमारी संस्था कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों और सभी वक्ताओ को धन्यवाद देती है और साथ ही आपसे यह आशा करती है कि ऐसे ही हमेसा हमारी सस्था के कार्यक्रमों में भाग लेते रहेंगे।  इस कार्यक्रम के सम्बंद में यदि आप के पास कोई सलाह या सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट बॉक्स में लिख कर अवश्य बताये अथवा अपना अनुभव लिखे। 

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