Tobacco Addiction Among Adolescent & Youth: Prevention to Treatment

दिनांक 26 फरवरी 2022 को हमारी संस्था HELP Society  द्वारा एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया जिसका विषय, "Tobacco Addiction Among Adolescent & Youth: Prevention to Treatment (किशोरों एवं युवाओ में तम्बाकू की लत: रोकथाम से उपचार तक)" था।  इस कार्यक्रम में प्रमुख वक्त के रूप में हमारी संस्था के प्रमुख शिव प्रकाश जी (PhD मनोचिकित्सा विभाग, IMS , BHU Varanasi), संस्था के विशेष सलाहकार सौरव कुमार जी (PhD मनोचिकित्सा विभाग, IMS , BHU Varanasi), अंजलि गुप्ता जी ( PhD Sociology, लखनऊ यूनिवर्सिटी, Luckonow ), अरुण कुमार यादव (काउंसलर, CoEAHD, SS Hospital, BHU, Varanasi) उपस्थित थे।  
कार्यक्रम का शुभारम्भ सौरव कुमार जी द्वारा "तंबाकू की लत, उसका हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव" विषय पर प्रकाश डालने के साथ हुआ।  उन्होंने बताया कि तम्बाकू की लत विश्व भर में प्रमुख स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या बन चुकी है, हमारे भारत देश में लगभग 267 मिलियन (न्यूनतम 15 वर्ष के युवा) लोग तम्बाकू का प्रयोग करते है। तम्बाकू प्रायः दो रूपो में  (स्मोकिंग व चबाने ) प्रयोग किया जाता है, सिगेरट,बीड़ी, सिगार, पान गुटका, खैनी आदि में तम्बाकू पाया जाता है। तम्बाकू के प्रयोग से जहा एक और गंभीर शारीरिक रोग जैसे; गले व् मुँह का कैंसर, लंग कैंसर,  टीबी, पुरुषो में नपुंसकता, स्त्रियों में गर्भ न ठहरना आदि का होना , वही दूसरी कई गंभीर मानसिक रोग जैसे डिप्रेशन, एंग्जायटी, मेनिया, नशे की लत आदि हो जाता है। ऐसी स्थिति में तम्बाकू के प्रयोग पर नियंत्रण हेतु समाज में जागरूकता की आवश्यकता है। 

कार्यक्रम में अंजलि गुप्ता जी ने "किशोरों व युवाओ में तम्बाकू की लत और भविष्य में उत्त्पन्न होने वाली प्रमुख समस्याएं" विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि तम्बाकू की लत हमारे भारत देश में एक गंभीर समस्या बन चुकी है।  हमारे भारत देश में 5% से 25 % तक किशोरों में तम्बाकू की लत की समस्या विभिन्न अध्ययनों में पाया गया। 13 वर्ष से 15 वर्ष तक के किशोरों में तम्बाकू की लत की बहुत ही उच्च स्तर पर पायी  गई है। किशोरों में तम्बाकू की लत के कारण विभिन्न प्रकार की मनोसामाजिक समस्याएं उत्त्पन्न होती है, किशोरावस्था व्यक्तित्व विकाश की सबसे महत्वपूर्ण समस्या है ऐसे में तम्बाकू लत किशोरों में भविष्य में वभिन्न प्रकार की व्यक्तित्व सम्बंधित समस्याएं उत्त्पन्न होती है।  ऐसी स्थिति में समाज में किशोरों व युवाओ को तम्बाकू की लत की समस्याओं के प्रति जागरूक करना अति आवश्यक है। 

कार्यक्रम में अरुण कुमार यादव जी ने, "किशोरों में तम्बाकू की लत की रोकथाम" विषय के सम्बन्ध में प्रकाश डालते हुए बताया कि किशोरों में तम्बाकू की लत एक प्रमुख समस्या बन चुकी है, हमारे चिकित्सालय में इस समस्या को लेकर अधिकांश किशोर प्रायः आते है। किशोरों में तम्बाकू लत की समस्या प्रायः गलत संगत और परिवार के सदस्यों के तम्बाकू के प्रयोग करते देखने आदि के कारण अधिक होती है ऐसी स्थिति में परिवार के सदस्यों को चाहिए कि वे सर्वप्रथम स्वयं ऐसी गलत आदतों को छोड़े तत्पश्चात अपने परिवार में किशोरों को जागरूक और प्रेरित करते रहे  ताकि सभी किशोर तम्बाकू की लत की समस्या और अन्य गलत आदतों से बच सके। समाज में तम्बाकू की लत के प्रति जागरूक करने के लिए समय समय पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए। 

कार्यक्रम में शिव प्रकाश जी ने "तम्बाकू की लत का उपचार"  विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि तम्बाकू की लत एक गंभीर मनोसामाजिक समस्या है, यह  भी एक मानसिक रोग है। यदि किसी व्यक्ति को तम्बाकू की लत लग गयी है तो उसे बिना समय गवाए किसी मनोचिकित्स्क, मनोवज्ञानिक, मनोचिकित्स्किया समाजकार्यकर्ता से सहायता लेनी चाहिए। तम्बाकू की लत के उपचार में निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी, कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी, मोटिवेशनल एनहांसमेंट थेरेपी और काउन्सलिंग आदि की प्रमुख भूमिका है।  तम्बाकू की लत के उपचार में विशेषज्ञों की सलाह और परामर्श का पालन करने के साथ व्यक्ति को ढृढ़ संकल्प लेने, उत्तम दिनचर्या का पालन करने, गलत संगत से बचने की अधिक आवश्यकता होती है। 

इस कार्यक्रम में लगभग 45 विद्यार्थियों ने भाग लिया और कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सहयोग दिया जिसके लिए हमारी संस्था आप सभी को धन्यवाद देती है। इसके साथ ही कार्यक्रम में व्याख्यान देने वाले सभी वक्ताओं को भी हमारी संस्था बहुत धन्यवाद देती है और आप से यह आशा करती है कि आप भविष्य में भी ऐसे ही अपना सहयोग देते रहेंगे। 

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